तेरी याद
तेरी याद में अक्सर हम तेरी गलियों से गुजरा करते हैं। कहीं से भी तू दिख जाए, ये मन में कामना किए चलते हैं। पर मन में डर भी होता है कि तू सामने आ जाएगी तो क्या करेंगे! तुझे देख कर भी अनदेखा तो हम कर नहीं पाएंगे, पर ये नौबत ही कभी नसीब नहीं हुई हमें| तूने भी कसम जैसे खा रखी है कि बिन चेहरा दिखाए सदा तड़पाएगी मुझे!