आंसु

आंसुओ में, दर्द है, गुस्सा है, भावुकता भरी यादें हैं। उन्हीं आंसुओ में, खुशी है, उम्मीद है, मेहनत की मिठास भी है।

वो सब कुछ, हम कुछ भी नहीं।

वो फूलों का राजा गुलाब ही सही, हम फूलों पर मंडराते भंवरे। वो चांद की चांदनी ही सही, हम चांदनी को तरसते अमावस की रातें। वो जग को नचाते नटराज ही सही, हम पैरों में उनके लिपटे घुंगरू ही सही।