क्या हम साथ ना थे तब तुम्हारे?

जब तुम बचपन में झूठ बोलते, चोरी करते पकड़े जाते, और मां की मार से भी अक्सर बच जाते, क्या उस वक्त साथ नहीं थे हम तुम्हारे? जब तुम छोटी मोटी खुशियां मनाते, त्योहारों में अपने रूठे हुओं को मनाते, हर एक मन की इच्छा को मुराद बना पा जाते थे, क्या उस वक्त साथ…