|

आखिरी शाम | The Last Evening

किसे मालूम था कि जो चले गए आज उनकी यह आखिरी शाम थी घर से निकले थे, दो पल परिवार संग खुशियां बटोरने के लिए मन में उमड़ते श्रद्धा के फूल अपने आराध्य देव को समर्पित करने के लिए किसे मालूम था कि घर वापिसी नहीं होगी होगी तो बस अनंत की एक शुरुआत होगी

|

समझदारी | Wisdom

पता नहीं होता कि ज़िन्दगी किस करवट बदलेगी, पटरी पर चलती हुई गाड़ी कब पटरी से नीचे उतरेगी। होश खो बैठते हैं जब ज़िन्दगी कुछ मुश्किलें दे जाती है, आसमां को छूना तो दूर, पैरों के नीचे की ज़मी भी खिसक जाती है। पैसा, धन, दौलत, जो पास हो वो कुछ काम नहीं आता, अपना…

Chahatein – Are you doing something to fulfil your desires?

चाहत ! कुछ करने की चाहत, कुछ बनने की चाहत। चाहते तो हम बहुत कुछ हैं ज़िन्दगी में, पर मायने ये रखता है कि उन सब चाहतों को पाने के लिए हम कितनी कोशिश करते हैं। करते भी है या सब भगवान भरोसे छोड़ देते हैं। ये कविता मेरे जैसे हज़ारों लाखों उन लोगों के…

Life is not a race | Zindagi – Koi Peeche Nahin Hai

दोस्तों, मन किया कि कुछ ज़िन्दगी के बारें में लिखा जाये। जिस तरह से आजकल हम अपनी ज़िन्दगी जी रहे हैं, उसको शब्दों में उकेरा जाये। कुछ अच्छा करें तो हमारी ख़ुशी कुछ एक-दो दिन के लिए टिक जाती है पर ज्यादातर हम खुद को दूसरों से कम आंक कर अपने आप को दुखी करते…

Woh Kaun Hai

उत्सुकता – Curiosity! वो कौन है, ये जानने की। हर सवाल का कारण उत्सुकता, हर नयी खोज का कारण भी उत्सुकता। जो जैसा है, वैसा क्यों है? और वैसा क्यों नहीं है जो हम सोचते हैं होना चाहिए? ऐसे अनगिनत मन में आते सवालों को लिखने की एक नादान कोशिश की है मैंने इस कविता…