Naya Saal | May This New Year

क्या खूब रहे कि नए दिन जैसी खुशियां पूरा साल रहें ये रिश्तों की गरमाहट, प्यार और अपनापन पूरा साल रहें हर दुख- दर्द से दूर आने वाले सुखों की आस पूरा साल रहें ख़ुद में संतुष्टि का भाव और परम पिता परमेश्वर में विश्वास पूरा साल रहें

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बुल्ले-शाह | Bulle- Shah

बरसों के बाद चमन में कुछ फूल खिले हैं अरसों के बाद मेरी झोपड़ में दीए जले हैं दशकों से जहां कोई चिंगारी तक नहीं दहकी आज वहां बिन मौसम ही सब तीज त्यौहार मने हैं बिन रूह के जैसे लिखने वाले एक अदने से शायर को  आज बुल्ले शाह मिले हैं

करवाचौथ

प्यार-व्यार अपनी जगह, इज़हार-ए-मोहब्बत किसी और दफा। आज तो बस, इन कहर बरपाती आखों के साथ-साथ इन भूखी प्यासी माशूकाओं को भी ए चांद, बस तेरा इंतजार है।