समझदारी | Wisdom
पता नहीं होता कि ज़िन्दगी किस करवट बदलेगी, पटरी पर चलती हुई गाड़ी कब पटरी से नीचे उतरेगी। होश खो बैठते हैं जब ज़िन्दगी कुछ मुश्किलें दे जाती है, आसमां को छूना तो दूर, पैरों के नीचे की ज़मी भी खिसक जाती है। पैसा, धन, दौलत, जो पास हो वो कुछ काम नहीं आता, अपना भी गर कोई साथ हो, उस पर विश्वास नहीं हो पाता। विचलित ना होना ही, ऐसे में बड़ी जिम्मेदारी होती है समय को मरहम लगाने का मौका देना ही समझदारी होती है।