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टूटा है दिल


अमावस की काली रात थी,
ना कहीं रोशनी, ना कोई आवाज़ थी।

इतने में एक आघात हुआ,
किसी का दिल टूटा, इसका पूर्ण एहसास हुआ।

देख नहीं पाया मैं आंसूओं की धारा,
पर उस पल से ही बदल गया मेरा जीवन सारा।

ढूंढने जो निकला तो कुछ नज़र ना आया
समझ चुका था मैं कि बाहर नहीं,
अंदर ही टूटा है कुछ सामान हमारा!

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