Chahatein – Are you doing something to fulfil your desires?
चाहत !
कुछ करने की चाहत, कुछ बनने की चाहत। चाहते तो हम बहुत कुछ हैं ज़िन्दगी में, पर मायने ये रखता है कि उन सब चाहतों को पाने के लिए हम कितनी कोशिश करते हैं। करते भी है या सब भगवान भरोसे छोड़ देते हैं।
ये कविता मेरे जैसे हज़ारों लाखों उन लोगों के नाम, जो चाहते तो बहुत कुछ हैं, पर कर कुछ नहीं रहे। या अपना शत प्रतिशत नहीं दे रहे।
आप सोच रहे होंगे मैं खुद भी अपने आपको इस तरह के लोगों की जमात में खड़ा कर रही हूँ! जी हाँ, मैं इसी लाइन में ही हूँ (फिलहाल)।
बुरा मानने की बात नहीं है, पर कड़वा सच यही है कि इस दुनिया में सिर्फ २ प्रतिशत (Only 2%) लोग ही सफल हैं, और मैं तो उनमे यक़ीनन नहीं हूँ।
मोरनी की तरह मैं दिखना चाहूं, कोयल की तरह मैं चहकना चाहूं, लोमड़ी की तरह मैं सोचना चाहूं, और चीते की तरह मैं भागना चाहूं । पर ये सब पाने के लिए मैं ख़ुद कुछ भी जतन करना ना चाहूं ।