Woh Kaun Hai

उत्सुकता – Curiosity! वो कौन है, ये जानने की।

हर सवाल का कारण उत्सुकता, हर नयी खोज का कारण भी उत्सुकता। जो जैसा है, वैसा क्यों है? और वैसा क्यों नहीं है जो हम सोचते हैं होना चाहिए?

ऐसे अनगिनत मन में आते सवालों को लिखने की एक नादान कोशिश की है मैंने इस कविता के माध्यम से। जवाब तो सबके नहीं मिले, पर अपने विचारों की गहराई का आभास हो गया।


वो कौन है

जो जिन्दा इंसान का मन मार कर 
   
उसे लाश बनाया करता है,

और मरे हुए इंसान को भी युगांतरों 
  
तक जियाया रखता है।


वो कौन है...

जो आकाश में सतरंगों से 

लकीरें उकारा करता है,

और समय आने पर उसी आसमां 
 
से आग बरसाया करता है।


वो कौन है...

जो एक छोटे से दीपक से 

अंधेरा मिटाया करता है,

और उसी एक चिंगारी से महल 

को खंडर बनाया करता है।


वो कौन है...

जो पानी की एक बूंद के 

लिए तरसाया करता है,
   
पर जब मेहरबां हो तो 

अमृत छकाया करता है।


वो कौन है...

जो रात को सपनों में आकर
   
गहरी नींद से जगाया करता है,

और दिन में मां की गोद मिल जाए 
   
तो चारों पहर सुलाया करता है।

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