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Dhoondh Rahe Hain | Looking out for you

ढूंढ रहे हैं इस उम्मीद पर कि तेरा पता मिल जाये। पर आम लोगों को तो क्या, तेरा पता तो ऐसे लोग भी नहीं जानते जो तुझे जानने का पूरा पूरा दावा करते हैं।

कहने का मतलब ये है दोस्तों कि अक्सर जिस इश्वरिये शक्ति को, जिस परम शक्ति को हम बाहर खोजने की कोशिश करते हैं, उसका पता तो शायद कोई जानता ही नहीं। और अगर कोई जानता है, तो क्यों नहीं इस जवाब को आसान बना देता, जगह जगह लिख देता।

मेरी अपनी बुद्धि तो यही कहती है कि वह शक्ति हम सब के भीतर ही होती है, बाहर तो कभी मिली नहीं। इसीलिए अब बाहर तलाश कर समय बेकार करने के बजाये तलाश जारी है, अंदर।


पता ढूंढ रहें हैं

इस उम्मीद पर कि उस पते पर

खोई हुई पतवार मिल जाए।


पत्ता पत्ता देखा, पत्ता पत्ता पूछा,

सब कुछ बताने वाले को भी

इस पते का नहीं है पर कुछ पता।


मिल जाए ये पता, तो पता है

उन पत्तों से क्या है कहना,

तेरी पत्तियों में धूल भी बैठे तो 

उस धूल से तेरा पता चल जाए।

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