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Tujhe Bhool Jaon Kaise | How to forget you?

कुछ रिश्ते हमेशा बने रहते हैं, और कुछ रिश्ते टूट जाते हैं।

अक्सर जब हम किसी रिश्ते में किसी के साथ होते हैं, तो कई बार हमारी उनसे नहीं बन पाती, और हम उस रिश्ते से बाहर निकल जाते हैं। रिश्ते से बाहर निकलना तो आसान है, पर उस शख्स को दिल से निकालना कभी कभी मुश्किल हो जाता है।

ऐसे में हम उस शख्स की याद में खोये रहते हैं, कहीं मन नहीं लगता, कुछ कर नहीं पाते।

ज़रुरत होती है, उन्हें भूल जाने की, उनके बिना खुश रहने की। पर ये सब हमे नामुमकिन लगता है। आखिरकार, किसी को भूलना आसान थोड़े ही है।

ऐसी ही परिस्थिति को ध्यान में रख कर नीचे दी गयी कविता की रचना की गई है। उम्मीद है, आपको पसंद आएगी।


सोचता हूं, तुझे भुलाऊं कैसे...

तू दिन के मेरे हर काम में है,

तू रातों के हर ख़्वाब में है,

तू आंखों में, तू बातों में,

तू दिमाग के सब सवालों में है,

ये गुत्थी मैं आखिर सुलझाऊँ कैसे

तुझे भुलाऊं कैसे...

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