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उम्मीद


तेरे लिखे खतों का

अंबार लगाए बैठै हैं|

तेरी हर याद को

मन में संजोए बैठै हैं|

तू वापिस आएगी!

इस उम्मीद में, आज भी,

चौखट पर आंखे टिकाएं बैठै हैं।

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