करवाचौथ


प्यार-व्यार अपनी जगह,

इज़हार-ए-मोहब्बत किसी और दफा।

आज तो बस,

इन कहर बरपाती आखों के साथ-साथ

इन भूखी प्यासी माशूकाओं को भी

ए चांद, बस तेरा इंतजार है।

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