मन से उनका हो ना पाना,
मन में उनको बसा ना पाना,
घूट घूट के निभाना उनका साथ,
ना चाह के भी रहना उनके पास,
जो मन में हो वो कह ना पाना,
जो भी वो बोलें वो सुन ना पाना,
दबते चले जाना उनकी उम्मीदों के तले,
मरते चले जाना अपनी ख्वाहिशों के तले,
ऐसा तो मैंने कभी सोचा ना था,
ऐसा तो मैंने कभी चाहा ना था।
बीत रहा था समय बस इसी उलझन में,
एक रोज़ तब आयी नई किरण जीवन में,
अब लगता है गम करूं मैं किस बात का,
पछताना भी चाहूं तो पछताना किस बात का,
हम दोनों में ही तो कोई दोषी ना था,
दोनों में ही तो कोई ज़ुल्मी ना था,
दोनों ने ही तो बस प्यार किया,
दूजे से कम, खुद से कुछेक ज्यादा किया।
अब आया है समय कुछ ठीक करने का,
अपना ही नहीं उनको भी खुश करने का|
संकल्प है यह अब है हमारा,
ना सोचेंगे कुछ बिगड़ा पुराना,
हम भुला दें अब ये दुआ करेंगे,
वो भुला दें अब ये दुआ करेंगे
हम आगे बढ जाएं
अब ये कोशिश करेंगे,
वो आगे बढ जाएं
अब ये साजिश करेंगे।