तुम हो तो जीवन है, तुम ही से तो जीवन है|
छाया भी तुमसे, ठंडक भी तुमसे,
आंखों को जो लुभाए, वो फूलों की बहार भी तुम से।
तुम हो तो जीवन है, तुम ही से तो जीवन है,
नदियों से जो वर्षा करें, ये जौहर भी तुम से,
मिट्टी को जो उपजाऊ बनाए, वो शक्ति भी तुम में,
तुम हो तो कोई मर्ज़ नहीं,
बूटियों से जो हैं मिली, वो रेहमतें भी तुम्हीं से।
तुम हो तो जीवन है, तुम ही से तो जीवन है,
सांसों को जो चाहिए, वो अमृत सी हवा भी तुम से,
भूखों को जो जियाए, वो फलों की मेहर भी तुम्हीं से।
तुम हो तो जीवों का भी एक घर है,
अपनों से भरा उनका भी एक जग है।